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Children Stories

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एक रोटी की कीमत

एक रोटी की कीमत

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शंभू जी एक दयालू इंसान हमेशा हरेक को समान समझते

 कभी किसी मे फर्क़ नहीं करते थे 

 

 एक दिन उनकी दुकान पर एक गरीब लड़का आया वो बहुत भूखा था पर उसके पास पैसे नहीं थे 

उसे भूख तो बहुत लगी थी पर पैसे ना होने के कारण हिम्मत नहीं थी शंभू जी की नज़र उस लड़के पर गई

" क्या हुआ बेटा इतने उदास क्यों हो ?"

 

"बाबुजी मैंने दो दिन से कुछ नहीं खाया मेरे पास पैसे नहीं है इसलिये हिम्मत नहीं हो रही थी कहने की!"

"बेटा जो मेरी दुकान पर आता है वो खाली हाथ नहीं जाता भले वो गरीब क्यों ना हो" शंभू जी गल्ले पर बैठे लड़के को आवाज दी ।


"जरा सुनना कुछ खाने को ले आना!"

"सेठ पैसे ले लिए क्या आपने?" 

"नहीं जो इसे चाहिए वो लेकर जाने दो!" 

"जैसा आपका हुकुम!"


लड़के ने लाकर खाने के पैकेट छोटे लड़के को दिए वो लड़का खुशी से सेठ को देखने लगा आज सेठ को बहुत सुकून मिल रहा था!


लड़के के जाने के बाद सेठ ने सोचा ’एक रोटी की कीमत उसकी कीमत से नहीं  बल्कि भूख से पता पड़ती है!" 

 सेठ ऐसे ही हमेशा लोगों की मदद करते रहे  जिसके कारण लोग उन्हें बहुत पसंद करने लगे  की वो सभी का सोचते हैं   सेठ दान भी बहुत करते थे   क्योंकि उन्होंने भी गरीबी देखी थी   एहसास था उन्हें भी भूख लगती है तो कैसा लगता है इसलिए सभी के हमेशा काम आते । 



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