Sangeeta Agarwal

Children Stories Inspirational

4.8  

Sangeeta Agarwal

Children Stories Inspirational

एक ही रास्ता

एक ही रास्ता

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चुनमुन आज बहुत खुश था,जब से स्कूल से लौटा था,हर किसी को अपनी नोटबुक दिखा रहा था,उसे ए प्लस ग्रेड मिला था मैथ्स के यूनिट टैस्ट में...दादा जी,दादी माँ और उसकी मम्मी सब ही बहुत खुश थे।

शाम को जब उसके पापा आफिस से घर आये,चुनमुन की मम्मी ने उन्हें चुनमुन के बारे में सबसे पहले बताया,वो पलभर को बहुत खुश हुए पर उन्हें आश्चर्य था कि चुनमुन खुद उनके पास अपनी कॉपी दिखाने क्यों नहीं आया।

जब उन्होंने चुनमुन को बुलाया भी,वो उनसे नज़रे चुराते हुए बोल रहा था।उनका माथा ठनका-बेटा चुनमुन,कल तक मैथ्स से इतना डरते थे,आज ये चमत्कार कैसे हुआ?

चुनमुन ने आंख नीची कर जबाव दिया,मैंने मेहनत कर ली पापा।

पापा की अनुभवी आंखे भांप गईं कि दाल में कुछ काला जरूर है लेकिन वो चाहते थे कि चुनमुन खुद ही ये बात कुबूले,उन्होंने उसे दो दिन का वक्त दिया।

उस समय से ही,चुनमुन कुछ अनमना हो गया,किसी से ढंग से बात न करता,माँ परेशान थीं कि अचानक उसे क्या हो गया है,वो बात बात पर चिड़चिड़ा रहा था जैसे उसके अंदर कोई लड़ाई सी चल रही हो।

उसके पापा,चुपचाप उसकी हर गतिविधि नोटिस कर रहे थे।सुबह मम्मी ने जब चुनमुन को स्कूल जाने को उठाया,देखा कि वो तेज़ बुखार में तप रहा था...उन्होंने उसे क्रोसिन टेबलेट दी।

पापा ने कहा,"आज इसे स्कूल मत भेजना,तबियत खराब है इसकी..."

"नहीं,मैं स्कूल जाऊंगा"...कमजोर आवाज़ में चुनमुन बोला।

"क्यों बेटा?तुम्हारी तो तबियत खराब है..."

चुनमुन ने कहा-पापा,"मैं आपसे कुछ पूछना चाहता हूं..."

"बोलो बेटा",प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते पापा ने कहा।

"पापा,पापा",कहते चुनमुन रोने लगा...वो जो कहना चाहता था उसकी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था जैसे..

पापा समझ गए कि वो बेचैन है,उन्होंने उसकी मुश्किल आसान कर दी,वो बोले-"तुम यही कहना चाह रहे हो न कि तुमने चीटिंग कर के कल के ग्रेड्स लिये हैं...."

चुनमुन भौचक्का रह गया,पापा क्या जादूगर हैं जो मन की बात जान जाते हैं..

हा पापा,वो बहुत धीरे से बोला..."अब क्या करूँ?"

"कोई बात नहीं,टीचर से जाकर अपनी गलती कुबूल कर लो,वो तुम्हे माफ कर देंगी।"पापा बोले

"लेकिन सारे बच्चे मेरी मज़ाक उड़ाएंगे"..उसने अपना डर बताया।

"पहली बात तो तुम अलग से जाकर टीचर को ये बताना और दूसरी बात,तुम्हे अपनी गलती सबके सामने स्वीकार करनी आनी चाहिये,अभी तुम बहुत छोटे हो,आज अपनी गलती को ढक दोगे तो रोज़ नई गलतियां करोगे और एक दिन शातिर खिलाड़ी बन जाओगे।"


चुनमुन अपनी गलती समझ रहा थाऔर पापा,प्यार से उसे समझा रहे थे कि बेटा,हमेशा याद रखना,जिंदगी में सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता,उस तक पहुँचने के लिये सिर्फ और सिर्फ मेहनत,लगन और धैर्य का एक ही रास्ता होता है।तुम्हे मेथ्स में अच्छे ग्रेड्स लाने हैं तो खूब मेहनत करो,रात दिन उसका अभ्यास करो ,एक दिन सफल जरूर होंगे।

चुनमुन की आंखों से पश्चाताप के आंसू बह रहे थे,वो अपने पापा से लिपट गया,उन्होंने देखा कि अब उसका बुखार भी उतर रहा था।दूर दरवाजे पर खड़ी मां चुपचाप मुस्कराते हुए दोनों पापा बेटे को देख रही थी।



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