देख भाल
देख भाल
आज माँ कैसे अपनी बच्चों का देखती और नवीन काल में कैसी है एक छोटी सी कहानी से बोलूँगी।
सहाना नामक एक लड़की है ,उसके माँ पापा दोनों दफ्तर जाते हैं। घर पर उस बच्ची के साथ बोलने का भी कोई नहीं है,इसलिए स्कूल से ही बहुत ज्यादा दोस्त हैं । जब कालेज गई तब वो दोस्तों घुमा कर ही समय गुजारती है। एक दिन उसकी दादी आई थीं। दस दिन ठहरने के बात अपनी पोती से कहा। वो भी खुश थी । दादी आने के बाद वो ठीक से कालेज जाती है और ठीक समय पर घर भी वापस आती है।
उसकी माँ मन मे एक प्रश्न उठा था की लड़की अब घर पर रहती है खुश सी दिखती है इसलिए अपने पति से इस विषय कहा। दोनों दादी माँ से पूरी विषयों बताकर क्या करना है। पूछा ,वो जवाब दिया की हर दिन तुम्हारी बेटी से मैं पूछती हूं,"आज तू क्या किया, कालेज के दोस्तों से कैसे बात किया ?,सहाना इस विषयों को मुझे बताकर खुश होती है। इसी तरह आप दोनों भी उससे खुशी से बात करो,वो भी घर में रहेगी ।अगर अभिभाव अपनी बच्चों से प्यार से बात करते हैं है तो हर घर स्वर्ग बनेगा ।
