डोर टू डोर कैंपेन- 8
डोर टू डोर कैंपेन- 8
लेकिन आज कुत्तों का असली इम्तहान था। आज वो जहां जाने वाले थे वहां अपनी बात समझा पाना टेढ़ी खीर थी।
आज उन्होंने भैंस के घर जाने का प्लान बनाया था। सब जानते थे कि भैंस के आगे बीन बजाना बेहद मुश्किल काम है क्योंकि अभी तक ये फ़ैसला ही नहीं हो सका है कि अक्ल बड़ी या भैंस?
पर कुत्तों को अपने पुरुषार्थ पर पूरा भरोसा था। चल दिए भैंस के तबेले की ओर।
पहले - पहले तो कुत्तों की बात सुन कर भैंस गुस्सा ही हो गई। जब एक कुत्ते ने कहा कि शेर हमेशा से हमारा राजा बना हुआ है, इस बार हम कुत्तों ने राजा बनने की ठानी है, आपको इसमें हमारा साथ देना है, तो भैंस ने उपेक्षा से मुंह फेर लिया।
कुत्ते डर गए। उन्हें लगा कि भैंस शायद हमारा समर्थन नहीं करना चाहती। हमें इससे पूछना चाहिए कि ये हमसे किस बात पर नाराज़ है?
पूछने से पहले ही भैंस बड़बड़ाने लगी, बोली- तुम सब एक से हो। शेर हो या तुम। सब केवल राजा- राजा करते रहते हो। अरे तुम्हें कभी किसी को रानी बनाने का ख्याल क्यों नहीं आता? क्या राजपाट कोई रानी नहीं संभाल सकती?
कुत्ते सकपका गए। ये तो उन्होंने कभी सोचा ही नहीं था।
उनकी चुप्पी से भैंस को बल मिला, बोली- शेर करता क्या है? सबको मार कर खाने के अलावा। फिर भी राजा बना घूमता है। अरे राजा तो वो होता है जो सबका ख्याल रखे, सबका भला करे, सबकी रक्षा करे। मुझे देखो, रोज़ दूध देती हूं। मेरे बच्चे को मिले या न मिले, पर लोगों को ढेर सारा दूध देती हूं। लोग दूध से दही बनाते हैं, छाछ बनाते हैं, मक्खन बनाते हैं, घी बनाते हैं, पनीर बनाते हैं, मावा बनाते हैं...
एक छोटा पिल्ला बीच में बोल पड़ा- चाय बनाते हैं।
भैंस ने उसकी ओर प्यार से देखा, फिर अपने गुस्से को बरकरार रखते हुए बोली- और राजा बनता है शेर! जो सबकी जान लेता है, सारे में दहाड़ता घूमता है।
भैंस का क्रोध देख कर एक बुजुर्ग से कुत्ते ने आगे बढ़कर बात संभाली। बोला- आप ठीक कहती हैं। हम राजा बनेंगे तो आप जैसे दूसरों का भला करने वाले पशुओं का सम्मान करेंगे।
छोटा पप्पी बोला- आपको और गाय आंटी को "जंगल रत्न" का पुरस्कार देंगे।
भैंस का गुस्सा ठंडा हो गया। उसने कुत्तों को पूरा सहयोग देने का वचन दिया और पास के वाटर टैंक में नहाने के लिए बढ़ चली।
कुत्ते ख़ुश होकर बोले- चलो, गई भैंस पानी में!