डॉक्टर साहब की सीख

डॉक्टर साहब की सीख

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सुगना का मन बहुत घबरा रहा था, उसकी तबियत दिन पर दिन बिगड़ती जा रही थी । गाँव के हकीम की दवाओं का कोई असर नहीं हो रहा था।आज ही उसकी सास उसे झाड़फूँक के लिये किसी बाबा के पास ले जाने वालीं थी । सुगना का मन झाड़फूँक के लिये बाबा के पास जाने का बिलकुल नहीं था । उसने अपने पति महेन्द्र को अंदर कोठरी में बुला कर कहा ,

“सुनो जी , मेरा जी बहुत घबरा रहा है....तबियत भी ज़्यादा ख़राब लग रही है....मुझे झाड़फूंक नहीं कराना....मुझे किसी डॉक्टर के पास ले चलो “

महेन्द्र बाहर आकर अपनी माँ से बोला,

“ माँ , सुगना झाड़फूँक के लिये मना कर रही है , सोच रहा हूँ उसे डॉक्टर को दिखा दूँ “

यह सुनते ही महेन्द्र की माँ कमला ग़ुस्से से बोलीं ,

“देखो बेटा, हमारे यहाँ कोई अंग्रेज़ी दवा नहीँ कराता , सभी का इलाज हकीम साहब ही करते हैं , तुम्हारी बुआ ने एक बाबा के बारे में बताया है..वह कह रही थी कि बाबा बड़े से बड़े मर्ज़ को अपनी झाड़फूंक से ठीक कर देते हैँ......बहू का इलाज उन्हीं से कराना ठीक रहेगा “

महेन्द्र अपनी माँ के सामने कुछ न बोल पाया । वे सुगना को लेकर पास के गाँव में झाड़फूंक करने वाले बाबा के पास ले गये ।उन बाबा जी अपने अनोखे तरीक़े से सुगना का इलाज करना आरम्भ किया । सुगना के ऊपर उनकी झाड़फूंक का कोई असर न होना था , न हुआ बल्कि उसकी हालत और बिगड़ने लगी । 

पत्नी की हालत अत्यन्त गंभीर देख महेन्द्र से नहीं रहा गया । वह सुगना को लेकर गाँव के डॉक्टर साहब के पास भागा । जब वह डॉक्टर के पास पहुँचा तब तक सुगना मूर्च्छित हो चुकी थी, उसकी सांसें धीमी पड़ चुकी थीं । डॉक्टर साहब ने तुरन्त सुगना को अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया । कमला से सुगना का इलाज डॉक्टर द्वारा होते देख रहा न गया , वो फिर बोलीं 

“ देख ले बेटा , हमारे घर में आजतक किसी ने अंग्रेज़ी इलाज न कराया....हमारे घर में पीढ़ियों से हकीम साहब की दवा ही चलती है , अंग्रेज़ी दवा के फ़ायदे कम और नुक़सान ज़्यादा होते हैँ । हमारे घर में तो सभी झाड़फूंक से ही ठीक होते हैं...तू भी बहू का इलाज इस पढ़े लिखे डॉक्टर से करा कर पछतायेगा “

अपने कमरे से निकल रहे डॉक्टर साहब ने सुशीला की बात सुन ली , वे हँसते हुए बोले,

“आप किस ज़माने की बात कर रही हैं माँ जी ? दुनिया कितनी आगे निकल गई.....मनुष्य चाँद पर पहुँच गया.....मेडिकल साइंस कितनी आगे बढ़ गई.....बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज अब कितनी आसानी से सुलभ है.....और आप अभी तक सैकड़ों साल पुराने ज़माने में ही जी रही हैं.....नीम हकीम और झाड़फूंक पर विश्वास करती हैं......समय के साथ बदलने में ही आप सबकी भलाई है....सुगना को सेप्टीसीमिया हो गया था...उसके शरीर में ज़हर फैल रहा था.....यदि सुगना को अस्पताल लाने में थोड़ी और देर हो जाती तो हम उसके प्राण नहीं बचा पाते.....वैसे अब चिन्ता की कोई बात नहीं , सुगना अब ख़तरे से बाहर है...कुछ दिनों में अच्छी हो जायेगी “

डॉक्टर साहब की बात सुन कर कमला को अपनी ग़लती का अहसास हुआ ।वह सोचने लगी , क्या करती वह यदि सुगना को कुछ हो जाता । डॉक्टर साहब की बातों का अच्छा ख़ासा असर हुआ । उसने डॉक्टर साहब से माफ़ी माँगी और सुगना के पास चल पड़ी ।




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