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Kumar Vikrant

Children Stories

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Kumar Vikrant

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दानव देश

दानव देश

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सुबह की बारिश से पूरा विल सिटी धुला-धुला सा हो गया था। दोपहर की चमकीली धूप की वजह से बहुत से लोग पूरे दिन सड़कों पर रहे, लेकिन शाम होते-होते पूरा शहर फिर से शीत लहर की चपेट में था। शाम के सात बजते-बजते कोहरे की एक मोटी परत ने पूरे शहर को अपनी आगोश में ले लिया था। मुश्किल से चार फिट की विजिबिलिटी थी, ऐसे में बिल्ली और कानू, किलर डुओ के नाम से जाने वाले सुपारी किलर अपनी कार में बैठे विल सिटी के कर्नल दर्रे पर जैक का इंतजार कर रहे थे।

"दीदी जिस आदमी ने आपकी रक्षा उन दरिंदे पुलिस वालो से की थी उसे मारा जाना जरूरी क्यों है।" कानू से उसके दिमाग में देर से उठ रहे सवाल को अपने से तीन मिनट बड़ी जुड़वा बहन बिल्ली से पूछा।

"तुझे पता है उस अकेले आदमी ने अब तक कितने लोगों को मारा है ?" बिल्ली ने कोहरा चादर को अपनी आँखों से बेधने का प्रयास करते हुए कानू के सवाल का जवाब न देते हुए उसी से सवाल किया।

"अनगिनत। लेकिन ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है, उस दोपहर उन दरिंदे पुलिस वालो ने मेरी टांग में गोली मार दी थी और तुम्हारी आबरू लूटने पर उतारू थे, ऐसे टाइम उस इंसान ने न केवल तुम्हारी इज्जत बचाई थी बल्कि हम दोनों की जान भी बचाई थी, ऐसे में उस आदमी की जान लेना क्यों जरूरी है ? कानू ने थोड़ी नाराजगी के साथ पूछा।

"वो आदमी खुद एक दरिंदा है उस आदमी की वजह से आज ना जाने कितने बच्चे अनाथ है और न जाने कितनी विधवाएं है। उसका जिन्दा रहना किसी भी हाल में जायज नहीं है।" बिल्ली ने शांति से जवाब दिया।

"तुम्हारी याददाश्त सही नहीं है लगता है तुम्हें पता नहीं है कि जैक ने आज तक किसी मासूम इंसान को नहीं मारा है, जितने लोग उसने मारे है वो इस समाज के लिए खतरा थे। उनके मरने से ना जाने कितने लोग सुरक्षित हुए है न जाने कितनी लड़कियों औरतो की आबरू बची है।" कानू यंत्रचालित सा बोला।

"इसका मतलब यही हुआ न की वो ही तय करेगा की कौन गुनहगार है और कौन बेगुनाह, वो खुद ही जज और जल्लाद है। ऐसे दुनियां नहीं चलती है, इस मुल्क में एक कानून है, एक व्यवस्था है और सबको उसे मानना पड़ता है।" बिल्ली ने सतर्कता से कोहरे से गुजरने वाले हर वाहन की और देखते हुए कहा।

"हम जैसे भाड़े के कातिलों के मुंह से ये बाते अच्छी नहीं लगती है, वो तो अपने जनून में गुंडे-बदमाशों का सफाया करता रहा है लेकिन हम तो पैसे के लिए किसी की भी जान ले लेते है।" कानू ने उसकी बातों से असहमत होते हुए कहा।

"ये कॉन्ट्रैक्ट कितने का है ?" बिल्ली ने मुस्तैदी से सड़क पर निगाह रखते हुए पूछा।

"पांच करोड़ का" कानू बोला।

"और सब पैसा एडवांस में मिल चुका है, और ऐसे कॉन्ट्रैक्ट को डिच करने का मतलब है खुद की मौत का सामान इकठ्ठा करना। जिसने हमें कॉन्ट्रैक्ट दिया है वो हमे जानता है उसे हमारा खुद का कॉन्ट्रैक्ट देने में देर नहीं लगेगी। और उस दिन तुम खुद होशियार रहते तो उन पुलिस वालो को मार कर मेरी भी रक्षा करते और उस दानव जैक को भी मार डालते।" बिल्ली ने चिड़चिड़ाहट के साथ कहा।

"हमारे पास बहुत पैसा है, अब हम इस काम से रिटायर क्यों नहीं हो जाते, हमें अब कंही दूर जाकर सकून की जिंदगी जीने की कोशिश करनी चाहिए।" कानू खुद के अंदर भर आई निराशा से पराजित होते हुए बोला।

"मेरे भाई निराशा मृत्यु के समान है, तू निराश मत हो इस जैक का खात्मा मै खुद करुँगी। ये दानव देश है मेरे भाई आज हम है कल हमे मारकर कोई हमारी जगह ले लेगा लेकिन ये पागल जैक जीने का हक़दार नहीं है।" बिल्ली ने दूर से आती जैक की कार को देखते हुए कहा।

"वो आ गया है।" कानू बोला।

"पता है मुझे, चल जा अब अपना काम कर।" बिल्ली ने एक पैकेट कानू के हाथ पर रखते हुए कहा।

कानू सतर्कता से आगे बढ़ा, उसने देखा कर्नल दर्रे के पास सारा ट्रैफिक एक कारवां के रूप में एकत्र हो चुका था और थोड़ी देर बाद जैक इस कारवां की अगुवाई करते हुए दर्रे में चला जायेगा ताकि कोई लुटेरा इस कारवां को लूट ना सके। सारी रात यही सिलसिला चलने वाला था। उसने देखा जैक दूर एक चाय की दुकान पर खड़ा चाय पी रहा था। उसने ख़ामोशी से एक छोटा सा पावरफुल प्लास्टिक बम जैक की जीप से चिपका दिया और टहलते हुए वापस अपनी कार में बिल्ली के पास आ बैठा।

"आज जैक ख़त्म। " कानू ने पूछा।

"कोशिश तो यही है बाकी देखते है क्या होता है।" बिल्ली अपने हाथ में बम का रिमोट लेते हुए बोली।

उनकी उम्मीद से जल्दी जैक वापिस आया और अपनी जीप में जा बैठा। बिल्ली ने सतर्कता से देखते हुए रिमोट का स्विच दबा दिया। लेकिन तभी जैक की जीप दनदनाती हुई उनकी तरफ आई और उनके बगल से गुजरते हुए उनसे २०० मीटर दूर खाई में जा घुसी और एक जोर के धमाके से पूरा दर्रा थर्रा उठा।

"मर गया जैक।" कानू ने आश्चर्य के साथ पूछा।

"कह नहीं सकती।" बिल्ली दूर से आते हुए साये को देखते बोली।

"वो तो जैक हैबच गया।" कानू जैक को अपनी और आते हुए देख कर बोला।

"तुम लोग दर्रे की तरफ जा रहे हो ? होशियारी से जानामै साथ चलता लेकिन किसी ने मेरी जीप को विस्फोट से समाप्त कर दिया। विस्फोट तो यहीं हो जाता लेकिन मै जीप को उस खाई में गिरा आया।"

तभी बहुत से पुलिस वाले और दर्रे पर खड़े वाहनों के ड्राइवर दौड़ते हुए आये और जैक के फ़टे कपड़ों और जख्मों को देख कर चिंतित हालत में उसे वहां से दूर ले गए।

"फर्क देखा दीदी तुमने खुद में और उस आदमी मेंतुम उसकी जान लेने यहाँ आई हो और उसे तुम्हारी जान की फिक्र हो रही है।" कानू ने घृणा के साथ कहा।

"भाई इसकी तरह हम भी नियति के हाथ की कठपुतलियां है ये अपना किरदार अदा कर रहा है, हमे अभी अपना किरदार अदा करना है। आज ये फिर बच गया चल फिर किसी और दिन मरेंगे इसे।" बिल्ली अपनी आँखों के आंसू उँगली की पोर पर लेकर दूर छिटकते हुए बोली।"


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