STORYMIRROR

Deepak Kumar

Children Stories Children

4  

Deepak Kumar

Children Stories Children

चूहे और कुत्ते की दोस्ती

चूहे और कुत्ते की दोस्ती

2 mins
19

एक बार की बात है, एक शांत से गाँव में "चिकू" नाम का एक चूहा रहता था। चिकू बहुत चालाक और फुर्तीला था, लेकिन उसके पास कोई दोस्त नहीं था। सब जानवर उससे डरते थे कि वह उनका खाना चुरा लेगा।

गाँव के एक कोने में "शेरू" नाम का एक बड़ा सा कुत्ता रहता था। शेरू ताक़तवर तो था, लेकिन अब बूढ़ा हो चला था। पहले वह खेत की रखवाली करता था, लेकिन अब ज़्यादातर समय सोया रहता या अकेला बैठा रहता।

एक दिन चिकू खाने की तलाश में शेरू के पास पहुँचा। जैसे ही वह बर्तन में रखा दूध चुराने गया, शेरू की आँख खुल गई। लेकिन हैरानी की बात यह थी कि शेरू ने कुछ नहीं कहा।

चिकू डर के मारे भागने ही वाला था कि शेरू बोला,
"तू अगर दूध पीना चाहता है, तो पी ले, लेकिन क्या तू मेरे साथ थोड़ी देर बैठ सकता है?"

चिकू चकित रह गया। उसे कभी किसी ने इस तरह से बात नहीं की थी।

उस दिन से चिकू रोज़ शेरू के पास आने लगा। वह उसके लिए थोड़े दाने लाता, कभी दूध में से थोड़ा हिस्सा छोड़ देता। शेरू बदले में उसे ठंडी रातों में अपनी गर्म पूँछ के नीचे सुला लेता।

धीरे-धीरे गाँव वालों ने देखा कि अब शेरू फिर से चाक-चौबंद रहने लगा है, और चिकू भी कम शरारती हो गया है।

एक दिन गाँव में बिल्लियों का एक झुंड आ गया। वे चिकू को पकड़ने आए थे, लेकिन शेरू ने भौंककर उन्हें भगा दिया। शेरू अब बूढ़ा था, पर दोस्ती के लिए वो आज भी शेर जैसा ही था।

गाँव वालों को यह देखकर बड़ा अचरज हुआ कि एक चूहा और एक कुत्ता इतने अच्छे दोस्त कैसे हो सकते हैं। लेकिन उन्होंने भी सीख लिया कि सच्ची दोस्ती आकार, जाति, या आदतों की मोहताज नहीं होती।

सीख:
सच्ची दोस्ती वहाँ होती है जहाँ स्वार्थ नहीं, स्नेह होता है। चाहे वह किसी भी रूप में क्यों न हो।


Rate this content
Log in