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Vimla Jain

Children Stories Inspirational

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Vimla Jain

Children Stories Inspirational

चॉकलेट का इतिहास

चॉकलेट का इतिहास

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नानी नानी चॉकलेट दो

हमको चॉकलेट चाहिए

तुम जानते हो चॉकलेट के बारे में आओ बच्चों तुम रोज मीठी-मीठी चॉकलेट खाते हो।

आज मैं तुम को इस चॉकलेट के बारे में बहुत कुछ बताने जा रही हूं।

मगर मेरी एक शर्त है तुम मुझको अपनी चॉकलेट दोगे।

सब बच्चे एकदम खुश हो गए बोले हां चॉकलेट तो हम रोज खाते हैं आज हम को इसके बारे में बताओ ना नानी।

नानी बोलती है पहले अपनी अपनी चॉकलेट मेरे सामने रखो।

सब बच्चे 1,1, चॉकलेट अपनी निकालकर नानी के सामने रखते हैं। और बड़ी कातर दृष्टि से उन को देखते हुए क्या आप हमारी चॉकलेट खा जाएंगे ।

आपको तो एक चॉकलेट चाहिए चॉकलेट हम पापा से ला देंगे।

नानी बोलती है नहीं मुझे तुम्हारी सब की चॉकलेट चाहिए देते हो तो सुनाऊं नहीं तो नहीं सुनाऊं।

सब बच्चों को इस मीठी-मीठी चॉकलेट के बारे में जानना था, इसीलिए बिना मन से चॉकलेट देने का सोच कर के वे जानकारी हासिल करने वहीं बैठ गए नानी को घेर कर।

अब नानी ने बोलना शुरू करा सुनो बच्चोंचॉकलेट' इस शब्द के बारे में बहुत से तथ्‍य हैं।

कुछ के अनुसार यह शब्‍द मूलत: स्‍पैनि‍श भाषा का शब्द है। ज्‍यादातर तथ्‍य बताते हैं कि चॉकलेट शब्‍द माया और एजटेक सभ्‍यताओं की पैदाइश है जो मध्‍य अमेरि‍का से संबंध रखती हैं। एजटेक की भाषा नेहुटल में चॉकलेट शब्‍द का अर्थ होता है खट्टा या कड़वा ।


चॉकलेट की प्रमुख सामग्री केको या कोको के पेड़ की खोज 2000 वर्ष पूर्व अमेरि‍का के वर्षा वनों में की गई थी। इस पेड़ की फलि‍यों में जो बीज होते हैं उनसे चॉकलेट बनाई जाते है। सबसे पहले चॉकलेट बनाने वाले लॉग मैक्‍सि‍को और मध्‍य अमेरि‍का के थे।

1528 में स्‍पेन ने जब मैक्‍सि‍को पर कब्‍जा कि‍या तो वहाँ का राजा भारी मात्रा में कोको के बीजों और चॉकलेट बनाने के यंत्रों को अपने साथ स्‍पेन ले गया। जल्‍दी ही स्‍पेन में चॉकलेट रईसों का फैशनेबल ड्रिंक बन गया।

इटली के एक यात्री फ्रेंसि‍स्‍को कारलेटी ने सबसे पहले चॉकलेट पर स्‍पेन के एकाधि‍कार को खत्‍म कि‍या. उसने मध्‍य अमेरि‍का के इंडि‍यंस को चॉकलेट बनाते देखा और अपने देश इटली में भी चॉकलेट का प्रचार प्रसार कि‍या. 1606 तक इटली में भी चॉकलेट प्रसि‍द्ध हो गई।

फ्रांस ने 1615 में ड्रिंकिंग चॉकलेट का स्‍वाद चखा. फ्रांस के लोगों को यह स्‍वास्‍थ्‍य की दृष्टि बहुत लाभदायक पदार्थ लगा। इंग्‍लैंड में चॉकलेट की आमद 1650 में हुई।

अभी तक लोग चॉकलेट को पीते थे। एक अंग्रेज डॉक्‍टर सर हैंस स्‍लोने ने दक्षि‍ण अमेरि‍का का दौरा कि‍या और खाने वाली चॉकलेट की रेसि‍पी तैयार की। सोचि‍ए एक डॉक्‍टर और चॉकलेट की रेसि‍पी. कैडबरी मि‍ल्‍क चॉकलेट की रेसि‍पी इन्‍हीं डॉक्‍टर ने बनाई.

चॉकलेट को मीठा बनाने का श्रेय यूरोप को जाता है जि‍सने चॉकलेट से मि‍र्च हटाकर दूध और शक्‍कर डाली. चॉकलेट को पीने की चीज से खाने की चीज भी यूरोप ने ही बनाया.

१०० ग्राम मिल्क चॉकलेट के हिस्से से ५४० कैलरी मिलती है। यह ५९% कार्बोहाइड्रेट (चीनी के रूप में ५२% और आहार फाइबर के रूप में ३%), ३०% वसा और ८% प्रोटीन (टेबल) है। मिल्क चॉकलेट में लगभग ६५% वसा संतृप्त होती है, मुख्य रूप से पामिटिक एसिड और स्टीयरिक एसिड, जबकि प्रमुख असंतृप्त वसा ओलिक एसिड (टेबल) है।

अभी तो अपने यहां तरह-तरह की चॉकलेट आती है मुझे भी मेरे बचपन की मॉर्टन की चॉकलेट बहुत याद है जो मेरे पापा मुझको देते थे और तुम्हारे नाना तुम्हारे पापा मम्मी के नाना उनको क्या स्वाद होता था उस चॉकलेट में।

आज भी मुंह में घुल जाती है वह चुप चॉकलेट बहुत याद करते हैं ।

तुम लोगों के लिए तो हम लोग चॉकलेट पहले से ही लाकर रखते हैं। ताकि तुम चॉकलेट का मजा ले सको तो भी तुमको चॉकलेट तो दुकान पर जाकर खरीदनी ही होती है।

आधुनिक चॉकलेट तो बहुत तरीकों से बनने लगी है और बहुत अच्छी बनने लगी है।

जैसा स्वाद चाहिए वैसी चॉकलेट मिल जाती है।

और वास्तव में चॉकलेट के जैसे ही मीठे तुम लोग हो।

एक चॉकलेट जिसको मिलती है उसके मन में और मुंह में मीठा रस घोल देती है।

ऐसी प्यारी छोटी सी मीठी सी चॉकलेट है जो हमें बहुत प्यारी होती है। बहुत खुशी देती है ।

और तुम भी कैसी पार्टी बदल लेते हो ना जब नानी से चॉकलेट चाहिए तो नानी की तरफ और जब नाना से चॉकलेट चाहिए बाजार जाना है तो नानी को पूछते भी नहीं पर मुझे अच्छा लगता है।

तुम्हारी शैतानियां देखकर फोन पर भी तुमको मीठी चॉकलेट के नाम पर कितनी हंसी आ जाती है और कितने खुश हो जाते हो।

चॉकलेट होती इतनी मीठी और इतनी अच्छी है तुम भी चॉकलेट के जैसे मीठे बनना स्वभाव से आदतों से।

अच्छा बच्चों को रात बहुत हो गई है। चलो सो जाओ कल एक नई कहानी के साथ मिलेंगे।


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