चंदनिया परी
चंदनिया परी
एक गाँव जिसका नाम वैपता था। वहाँ बच्चे एक चंदनिया परी की कहानियों के चर्चे बहुत किया करते थे । घर के बड़े - बूढ़े भी अपने बच्चों को चंदनिया परी के किस्से सुनाया करते थे। चंदनिया परी दिखती तो किसी को नहीं थी पर वह जहाँ से गुजर जाये वहाँ चंदन की खुशबू महक जाती थी चंदनिया परी के जाने के रास्ते गाँव के बड़े - बुजुर्ग इस प्रकार बताया करते थे
1.जहाँ घर में भाई - भाई के प्रति प्रेम हो ।
2.जहाँ मॉ - बाप की सेवा होती हो । 3.जहाँ बच्चे मन लगाकर पढ़ाई करते हों ।
4.जहाँ नैतिक व धार्मिक चर्चाएं होती हों ।
5.जहाँ धर्म सिद्धान्त के अनुसार लोग अपना - अपना कार्य करते हो और भी अनेक शुभ कर्म जहाँ होते हो वहाँ से चंदनिया परी हमेशा निकला करती थी लोगों को उसके निकलने का अहसास हो जाता था क्योंकि पूरा का पूरा वातावरण चंदन की खुशबू से महक जाता था वह कुछ न देती हुई भी बहुत कुछ चीजें दे जाती थी । वह शक्ति , समृद्धि , उन्नति व स्वास्थ्य का वरदान देकर जाती थी । प्यारे - प्यारे छोटे बच्चो के सपने में आकर वह उनके सिर पर हाथ फेरकर उन्हें लोरी सुनाती थी बच्चे भी अपनी चंदनिया परी के इंतजार मे पढ़कर सोते थे चंदनिया परी बच्चों से आकर स्वप्न में मीठी - मीठी बाते किया करती थी व बच्चों को कैसे उन्नति तरक्की करना है वो राह भी सुझाती थी बच्चे प्रतिदिन चंदनिया से स्वप्न में हुई बातें एक दूसरे से शेयर करते थे । ऐसी प्यारी चंदनिया परी थी ।
इस कहानी से हमें निम्न शिक्षायें मिलती हैं
1.हमें अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए ।
2. जो बच्चे अच्छे होते हैं उनसे सभी खुश रहते हैं ।
3. अच्छे काम की सभी तारीफ करते हैं ।
