छ्लावा
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"कोई बात नहीं, हमें स्वीकार है आपकी बेटी"। सगाई की रस्म अदायगी पर लड़के के पिता ने लड़की के पिता से कहा"। हुआ यूं कि, जब लड़के के पिता लड़की वालों के यहां उनकी बड़ी बेटी देखने गए, तो उन्होंने बताया कि, हमारी बेटी की इच्छा है कि, वह खुद डॉक्टर है अतः एक डॉक्टर से ही शादी करे, लेकिन आप चाहें तो हमारी छोटी बेटी, जो कि सी. ए. है, को बहू बनाने के बारे में सोच सकते हैं। लड़के वालों को उनकी छोटी बेटी भी उतनी ही संस्कारी लगी, अतः तुरंत ही सर्टिफिकेट व कुंडली देखे बिना ही उन्होंनें हां कर दी, लेकिन जब लड़की के पिता को अपने होने वाले समधी से छल करना असहनीय होने लगा तो, उन्होंनें सगाई के बीच में ही एक कोने में ले जाकर कहा- "समधीजी अब आप हमारे रिश्तेदार बनने वाले हैं, अतः मैं आपसे कुछ भी छिपाना नहीं चाहता, "मेरी बेटी अभी सिर्फ बी.कॉम है"।
