Kunda Shamkuwar

Abstract Others Tragedy

4.3  

Kunda Shamkuwar

Abstract Others Tragedy

चार हिरण

चार हिरण

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कुछ दिन पहले ही मैंने एक छोटी सी कहानी 'चीरहरण' लिखी थी।कहानी में चीरहरण और उसके मुताल्लिक कुछ सवाल थे जो मैंने स्टोरी मिरर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पब्लिश किया था।कुछ लोगों ने उसे लाइक भी किये तो कुछ ने कमेंट्स भी दिए थे। 


आज ऐसे ही मैंने किसी जानने वाले से फ़ोन किया।अब lockdown में रिश्तेदारों से बात ही कर सकते है।घर आना जाना और मिलना जुलना तो अभी सब बंद है।हमारी बातें शुरू हो गयी की कैसे जिंदगी चल रही है और पता नही ये कोरोना कब खत्म होगा? 

उन्होंने आगे पूछा, "और अब कौन सी कहानी लिख रही है आप?" मैंने कहा,"नहीं,अभी फिलहाल कोई कहानी नहीं लिख रही हूँ।"

मुझे सुनकर अच्छा लगा की वे मेरी कहानियाँ भी पढ़ते है।उन्होंने थोड़ा हँसते हुए आगे कहा, "चार हिरणों जैसी कहानी आप फिर से लिखिये।

मैं तो एक लेखिका हूँ और लेखिकाओं की रचना को कैसे 'पढ़ा' जाता है उस बात का मुझे अहसास है।

बात को संभालने के अंदाज़ में मैंने हँसते हुए कहा,"अरे,आप ने शायद कहानी ठीक से नहीं पढ़ी है।वह कहानी चीरहरण है।"


इस दुनिया को चलाने वाली जो 'व्यवस्था' इसके जो कायदे कानून है वह किसी औरत के बनाये नहीं है इन्हें आदमी नाम के प्राणी ने अपनी सहूलियत के लिए बनाये है।और बड़ी चतुराई से उन कायदे कानून का सहारा लेकर औरत को कमजोर साबित करने की साज़िश करता रहता है।अगर उससे भी उसका मन न भरे तो फिर उसपर तंज करता है।


हाँ, वह तंज और उनके लहजे सब कुछ उसके हथियार होते है जो शिकार को लुहलुहान कर देते है बिल्कुल उस बाघ जैसे जो जंगल में हिरणों का शिकार करते वक़्त दौड़ा दौड़ा के लुहलुहान कर देता है...


जंगलों में हिरण का शिकार ऐसे ही तो किया जाता है...


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