भगवती कृपा
भगवती कृपा


तीन दिन से बुखार में तपती, बुढ़िया भगवती को डर था कि वह किसी भी पल मौत की गोद में जा सकती है, और घर में उसका 7 महीने का पोता भूख से बिलबिला रहा था। कुछ ही दिन पहले उसने अपने बेटे बहु की मौत देखी थी। वह उठी और पोते को अपनी बहू की पुरानी साड़ी में लपेट कर अपने मालिक, महाजन साहब के घर किसी तरह चल पड़ी।
भगवती को गुजरे कई साल हो चुके हैं।आज 60 बरस के महाजन साहब के घर उनके इकलौते बेटे की 18 वीं सालगिरह की पार्टी बड़ी धूम से हो रही थी। उनके बेटे को देख कर एक मित्र ने पूछ डाला " अमां महाजन ये बताओ ये गया किस पर है? तुम्हारे घर में तो किसी की शक्ल इस से नहीं मिलती?" महाजन साहब मुस्कराए बोले "सब भगवती की कृपा है।"