बहारें फिर से आएगी
बहारें फिर से आएगी
सभी की तरह शुभम ( हंसमुख, हमेशा ख़ुश रहने वाला, सबको हँसाने वाला लड़का ) ने भी अपनी शादी को लेकर बहुत सारे सपने देख रखे थे। नौकरी तो उसकी दो साल पहले ही लग गई थी। जब भी वो घर आता उसके घर वाले उसे कही ना कही लड़की दिखाने ले जाते पर जैसी वो चाहता था वैसी लड़की उसे नहीं मिल रही थी तो हर बार छुट्टी खत्म हो जाती पर एक भी लड़की फाइनल नहीं होती। शायद उसने अब तक 6-7 लड़कियाँ देख ली होगी पर हर बार ये कह कर मना कर देता कि उसे ये पसंद नहीं हैं। घर वाले भी उससे नाराज़ होने लगे और कहने लगे कि पता नहीं कौन सी महारानी लाएगा जो हमारी बात तक नहीं मान रहा।
अभी तो जा अगली बार आएगा तो कोई भी लड़की फाइनल कर के ही जाना तेरे अंकल भी आने वाले हैं विदेश से वो आये तब ही तू आना। उसे जाने के 1 महीने बाद ही अंकल आ गए घर वालो ने फोन कर उसे भी बुला लिया। वो भी आ गया लड़की फ़ाइनल करना था इस बार पक्का क्योंकि अंकल भी आ गये थे और उनको भी वापस जाना था तो एक लड़की देखने गये। उसको वो लड़की पसंद आ गई और हाँ वो उसके साथ एक फोटो भी खींच कर लाया, उसका नाम उर्मिला था। अपना फोन नम्बर भी देकर आया था दो दिन बाद उर्मिला का फ़ोन भी आया और दोनों ने बहुत सारी बातें भी की।
पर शायद दोनों एक दूसरे की किस्मत में नहीं थे तो उनकी सगाई की बात होते होते रह गई कारण क्या रहा पता नहीं.. शुभम ने बड़ी मुश्किल से अपने आप को संभाल लिया था।
इस दौरान शुभम को तीन चार दिन के लिये दूसरे शहर जाना पडा। वहाँ उसको गये अभी एक ही दिन हुए था कि पापा ने फ़ोन कर कहा की कल ही तू वापस आ जाना तुझे लड़की देखने जाना है, लड़की अच्छी हैं उसका मन न होते हुए भी उसने हाँ भर दी अब अगले ही दिन वह दोस्तों से मिल कर सीधे ही लड़की के घर पहुंचा लड़की देखी और फिर घर आ गया कह दिया जो पहले भी कह रखा था कि पसंद नहीं। लेकिन इस बार घर वाले उसकी बात नहीं माने और दो दिन बाद ही ज़बरदस्ती उसे वहाँ ले गये और तिलक करवा दिया। इस बार शुभम कि एक भी नहीं चली और शादी के लिये लड़की(पलक) पक्की हो गई।
अब जल्दी ही शुभम को वापस अपनी नौकरी पर जाना था तो चला गया, अंकल भी वापस विदेश चले गये। शुभम कभी कभी फोन पर उससे बात करता था पर खुश नहीं था पर कर भी क्या सकता था घर वालो की ख़ुशी के लिये चुप रहा। लगभग एक साल का समय बीत गया इसी दौरान शादी तय हो गई उसकी। अपना खुद का काम (ड्रेस और अन्य सामान) तो वह शादी से 2 महीने पहले घर आया तब ही करके वापस चला गया था। अंकल भी वापस आ गये विदेश से। शादी की तैयारियाँ चल रही थी घर पर जब 10 दिन बचे तब ही शुभम घर आया।
शादी से चार -पांच दिन पहले उसकी बहस अपने जीजा से हो गई और बोला कि मुझे ये लड़की पसंद नहीं हैं देखना एक दिन ये मेरी लाइफ ख़राब कर देगी। जीजा भी गुस्सा हुए बोले अब क्या हो सकता हैं इधर सब तैयारियाँ हो चुकी हैं पहले बोलना चाहिये था।
उसे भी पता था कि अब कुछ नहीं हो सकता तो वो भी चुप हो गया।
शादी के एक दिन पहले ही वह बीमार (पेट दर्द)और हॉस्पिटल में एडमिट। सब के सब सोचने लगे क्या हो गया लड़के को। शाम तक वापस घर आ गया पर रात को भी दर्द कम नहीं हुआ तो अगले दिन फिर से हॉस्पिटल..। घर पर सब मेहमान आये हुए थे पर क्या वो तो हॉस्पिटल में। दोपहर तक वापस आया फिर जो भी रस्में होनी थी सब हुई।
वो अभी भी ख़ुशी नहीं था.... शादी की रस्में भी धीरे धीरे पूरी हुई और पलक दुल्हन बनकर शुभम के घर आ गई।
अब तो हो भी क्या सकता हैं सोच कर वह ख़ुश रहने लगा... पलक के साथ घूमने भी गया अब उसके साथ ख़ुश भी रहने लगा तीन चार महीने दोनों साथ रहे बड़े अच्छे से प्यार से। अब शुभम ने उसे अपना लिया था।
अंकल भी वापस विदेश जा चुके थे अब तक। शुभम भी वापस अपने नौकरी पर चला गया। उसके जाने के बाद घर पर पता नहीं क्या हुआ कि पलक की शुभम के पिता जी से कहासुनी हो गई।
शुभम बेचारा जिसको कुछ पता नहीं उन दोनों की लड़ाई में वो पीस गया... पलक नाराज़ हो कर अपने गाँव चली गई और फिर वहाँ से ननिहाल।
इसी बात को लेकर शुभम और पलक के बीच दो तीन बार फोन पर बहस भी हुई... जब शुभम छुट्टी में आया, क्योंकि पहली करवाचौथ और पहली दीपावली थी उनकी शादी के बाद सोचा साथ ही मनाएंगे दोनों। उसने पलक को बोला आने के लिये पर उसने आने के लिये माना कर दिया और वह उसके ननिहाल जाना चाहता नहीं था क्योंकि लड़ाई का मुख्य कारण तो उसके ननिहाल वाले ही थे।
अब कुछ नहीं हो सका और करवाचौथ और दीपावली आये और चले गये..
अब क्या था पर फिर भी शुभम उसे लेने के लिये अपने ससुराल गया पर वो ननिहाल से आई नहीं.. शुभम ने उसके साथ गाली गलौज भी कर ली बहुत परेशान सा हो गया था और फिर करता भी क्या जब वो उसकी कोई बात मानने कोई तैयारी ही नहीं थी.. कह रही थी कि यहाँ आ कर ले जाओ पर वो वहाँ जाना नहीं चाहता था.. रात को वो अपने ससुराल ही रुका अगले दिन न चाहते हुए भी उसके ननिहाल गया जहाँ से भी खाली हाथ ही आना पड़ा, नहीं आई वो...। !!
अब क्या करता मन में सब इच्छाएं रखे वापस अपनी नौकरी पर चला गया... आज भी उसे इंतजार है कि वो वापस आयेगी... हँसी ख़ुशी दोनों साथ रहेंगे।
(बेचारा पता नहीं किस गलती कि सजा काट रहा है)
हंसमुख रहने वाला शुभम अब चुप चुप सा रहने लगा.... उसे आज भी यकीन हैं कि...बहारें फिर से आयेगी।