बेटी जन्म
बेटी जन्म
कविता 8 साल की थी जब वह अपनी नानी के साथ रहा करती थी।
उसने कई बार अपनी माँ से पूछा" हम पापा के साथ क्यों नहीं रहते हैं? " तो माँ रोते हुए कहती पापा" पैसे कमाने बाहर जाते हैं वहाँ सिर्फ पापा ही रह सकते हैं हम कहाँ रहेंगे?" यह प्रश्न उसके दिमाग में हमेशा चलता रहता । ज्यादा परेशान होती तो नानी से पूछती " नानी हम अपने पापा के घर कब जाएंगे "? तो नानी मुझे अपनी गोदी में लेकर बोलती "जब पापा मिठाई लाएँगे तब कविता पापा के घर जाएगी"।
कविता के पापा की माली हालत अच्छी ना थी थी नौकरी में जैसे तैसे उन्हीं का गुजारा होने लायक पैसे मिलते थे उन्होंने परिवार के भरण-पोषण के लिए शहर में जाकर नौकरी करनी शुरू कर दी परंतु वहाँ भी खर्चे पीछा ना छोड़ते ।
उसके पापा ने कविता की माँ को उसकी नानी के घर छोड़ा हुआ था ।
कविता रोज अपनी नानी से कविता सुनती और सो जाती ।
नानी ना जाने किस के बारे के बताती "एक था राजा एक थी ।रानी दोनों ही थे बहुत ज्ञानी। बेटे की लालसा इतनी प्रबल थी कि बेटियों की लाइन लगाते रहे मगर ना बेटा हुआ और न ही ,बेटियों को पढा लिखा सके। बस उनकी लंबी लाइन लगा दी ।
नानी की यह बात कविता को समझ न आती थी कि नानी क्या कहानी बताती है ।
मगर आज जब कविता बड़ी हो गई है तो उसे अपनी नानी की यह कविता अच्छे से समझ आती है ।
वह कहानी किसी और की नहीं,अपनी कहानी सुनाती थी क्योंकि माँ और मौसियां सभी मिलाकर 14 बहनें थीं ।
माँ कहती थी कि वह पहले अमीर हुआ करते थे मगर भगवान ने उनके घर में बेटियाँ देखकर उन्हें गरीब कर दिया दिया।
मगर कविता यह बात आज ज्यादा अच्छे से समझती है कि गरीब, बेटियों के होने से नहीं हुआ जाता गरीब बेटों के जन्म से हुआ जाता है मगर अब यह बात इन बड़े लोगों को कौन समझाए।