Kamlesh Ahuja

Others

2.4  

Kamlesh Ahuja

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बदलते रिश्ते

बदलते रिश्ते

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"माँ, यहाँ रूम में अकेली क्यों बैठी हो?बाहर हॉल में चलो ना।भैया भाभी और सब लोग डांस कर रहें हैं, बड़ा मजा आ रहा है।और ये आपकी आँखों में आँसू क्यों हैं?" रोहित दुःखी होते हुए बोला

"बेटा, जब तेरे पापा थे तो मासी आगे बढ़कर सबसे मेरा परिचय करवाती थी,कि यह मेरी छोटी बहन है इसके पति बड़ी कम्पनी में उच्च पद पर हैं।और आज जब लड़की वाले शगुन लेकर आए तो बस ससुराल वालों को ही अपने समधियों से मिलवाया,मेरा तो नाम भी नहीं लिया।"

"बस इतनी सी बात है !आप ही तो कहती थीं ना,कि परिवर्तन सृष्टि का नियम है।यहाँ मौसम बदलते हैं, ऋतुएं बदलती हैं तो फिर माँ रिश्ते क्या चीज है?"

बेटे के मुँह से बदलते रिश्ते के मायने सुन,रमा ने आँखों से आँसू पोंछे और बड़ी मासुमियत से बोली -"इसका मतलब तू भी बदल जाएगा"


"मे बी" रोहित चुटकी लेते हुए बोला


दोनों माँ बेटे खिलखिलाकर हँसने लगे


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