बड़ों की सीख
बड़ों की सीख
जंगल में हाथियों का एक परिवार था। उसमें गोलू नाम एक नन्हा सा बच्चा था। जो बहुत शैतान था। दिन भर मां का दूध पीकर इधर उधर शैतानी करने में लगा रहता। जब मां उससे कहती कि तुम अभी बहुत छोटे हो हमेशा परिवार के साथ रहना और चलना तो वह खीजने लगता।उसका मन होता कि मां सूंड वाला या पूंछ थामने की जगह जंगल में अकेला चिड़िया की तरह उछल कूंद करे।।
एक दिन उसके मां-बाप और परिवार के सदस्य उसे घर पर छोड़कर हिदायत देकर गये कि वह कहीं नहीं जायेगा, हम लोग खाना लेकर आते हैं।उस समय तो उसने हां में अपना सर हिला दिया लेकिन उनके जाते ही शैतानी सवार हो गयी और पेड़ पर बैठी चिड़िया के घोंसले को अपनी सूंड से हवा फेंक कर उड़ाने लगा तो चिड़िया को गुस्सा आ गया और घों सले से बाहर आकर बोली
"अबे मोटू, तू पागल हो गया है क्या? तेरे इस पागल पन से मेरे अंडे फूट जायेंगें।
गोलू हाथी का बच्चा बोला-
"-तू जरा सी चिड़िया मुझे डाटती है, देखती नहीं कि मैं पेड़ को हिला दूंगा तो तू नीचे गिर जायेगी ,इतनी ताकत है मुझमें"
गोलू घंमड से बोला"जा जा मोटू, तू मुझसे रेस कर ले, मैं तुझे हरा दूंगी", नन्ही चिड़िया ने गोलू को चैलेंज दिया।
गोलू ने इसे अपना अपमान समझा, जरा सी चिड़िया उस जैसे को चैलेंज कर रही है, उसने तुरंत स्वीकार कर लिया। दोनों में दौड़ शुरू हो गयी, चिड़िया तेजी से आगे आगे उड़ रही थी और मोटू गोलू आकाश की ओर चिड़िया को देखते देखते दौड़ रहा था। आज गोलू को बहुत मजा आ रहा था। मां-बाप को पता ही नहीं चलेगा,वह जल्दी लौटकर चुपचाप बैठ जायेगा।
अचानक वह धड़ाम से एक गड्ढे में गिर गया, एक बड़ा गड्डा था, उसने निकलने की बहुत कोशिश की लेकिन गड्डा की गहराई उसकी पहुंच से ज्यादा थी।
समय निकलता जा रहा था, उसे रोना आ गया। काश! मां का कहना मान लिया होता। अंधेरा होने वाला था, वह जोर जोर से रोने लगा तभी उसकी चिंघाड़ को सुनकर उसके परिवार के सदस्य उसे खोजते खोजते वहां आ गये, अब हथिनी मां ने सूंड से पकड़ कर उसे निकलने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब रही तब हथिनी मां गडडे में उतरी और गोलू के सामने बैठ गयी, तब गोलू मां के ऊपर चढ़कर ऊपर निकल पाया। गोलू ने बहुत माफी मांगी।
कुछ दिनों बाद गोलू और परिवार पानी पीने नदी की ओर जा रहे थे, वह नदी के पास पहले पहुंच गया, वहां पर एक शेर पानी पी रहा था, शेर गुर्राया लेकिन गोलू को अपने भारी शरीर का घमंड था, इसलिए वह शेर की ओर बड़ा"पहले शेर पीछे हटा, तब तक शेर का परिवार आ गया था, उन्होंने ने घेर कर गोलू पर आक्रमण कर दिया, गोलू घायल होकर चिंघाड़ा तभी उसके परिवार के सदस्य वहां आ गये।
इस कहानी से यह प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने मां व पिता और बड़ो का कहना मानना चाहिए।