बड़ी रेखा
बड़ी रेखा


वह सुकून भरा क्षण, वो दिन कैसे भूल सकती हूं जो मेरे लिए बहुत ही खास था। जिसने मुझे मुझसे मिलवाया था। सुनने में शायद ज्यादा वजनदार न लगे लेकिन, इसने मुझे बताया मेरा व्यक्तित्व कितना वजनदार है। हुआ कुछ ऐसे कि मेरी तीसरी कक्षा में हमारे शिक्षक ने ब्लेक बोर्ड पर दो रेखाएं खींची। एक छोटी व दूसरी उससे बड़ी और हम सबसे पूछा छोटी रेखा को बड़ा कैसे करोगे सब अपनी अपनी कॉपी में लिखकर बताओ थोड़ी देर बाद शिक्षक ने सबकी कॉपी का परीक्षण करने के बाद मुझे कक्षा में खड़े होने के लिए कहा और सभी को मेरे लिए तालियां बजाने के लिए कहकर, जो मैंने अपनी कॉपी में ड्रॉ किया था उसे ब्लेक बोर्ड पर सबके सामने ड्रॉ करने के लिए कहा। मैंने बस जो छोटी रेखा थी उसको दूसरी बड़ी रेखा से बड़ा कर दिया।