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Ruchika Agarwal

Children Stories

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Ruchika Agarwal

Children Stories

बचपन

बचपन

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आज सुबह ही सुबह मुनमुन का अपने भाई के साथ झगड़ा हो गया था, वैसे ये कोई नहीं बात नहीं थी, ये दोनों भाई बहन बात -बात पर झगड़ लेते है, और दोनों जल्दी झगड़े को भूल कर खेलने भी लग जाते थे आज का झगड़ा भी कुछ ऐसा ही था, वे थोड़ी ही देर में फिर खेलने लग गए, इनको रुठते मनाते देख कर उनकी बुआ मन ही मन मुस्कुराने लगी ख्यालों में खो गई  मुनमुन के पिता ने अपनी बहन से पूछा जीजी क्या हुआ, जीजी बोलीं भाई पता है बचपन में कैसे अपन भी छोटी छोटी बातों पर झगड़ते थे और फिर इनकी ही तरह फिर साथ खेलने लग जाते थेअब तो सब कुछ कितना बदल गया है अब तो न वो बचपन है और न वो झगड़ा लेकिन कभी कभी इन बच्चों को देख कर अपना बचपन फिर से जीने की इच्छा होती है ये कहते कहते बुआ फिर ख्यालों में खो जातीं हैइतने में ही मुनमुन और उसके भाई का फिर झगड़ा हो जाता है और उनको झगड़ते देख सब जोर जोर से करके लगाने लगे


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