अंकल
अंकल
हम नए अपार्टमेन्ट में शिफ्ट हुए। आते ही, हमारे ठीक उपर के अपार्टमेन्ट में रहने वाले बुजुर्ग अंकल ने हमको सचेत कर दिया "आपके पड़ोस वाला बहुत बदमाश है, जरा बच कर रहना बेटा, दूसरों के माल पर ऐश करता है, महीनों हमारी टंकी से फ्री का पानी लेता रहा।" अगले कुछ दिन उनका नियमित आना जाना रहा। पता चला वे सरकारी सेवा में थे अब रिटायर हो गए हैं सो अपना फ्लैट बेच कर जाने वाले हैं।
दिन बीतते गए, २ महीने बाद जब बिजली वाला बिल दे कर गया तो हमारा बिल बेचारे बुजुर्ग अंकल ही ऊपर ले आये। हमारे होश उड़ गए। समझ नहीं आया की इतना ज्यादा कैसे आया। अंकल बोले "यहाँ का ऐसा ही है, मीटर कोई रीड करता नहीं ...मन माना बिल थमा देते हैं। हम भी ज्यादा ही देते हैं बेटा क्या करे कहीं सुनवाई नहीं है।"
हमने कम्प्लेन दर्ज कराई मगर नतीजा सिफ़र। खैर अब अहतियात बरतेंगे सोच कर रीडिंग ली मगर फिर भी एक दिन की खपत देख कर हैरान हो गए ,मीटर खराब है या हमारे बिजली के उपकरण ज्यादा खपत ... समझ नहीं आया। हमें इस तरह बेचैन देख कर बुजुर्ग अंकल आये। हमने उनसे सलाह की "क्यूँ न पूरी बिल्डिंग की जांच करवा ली जाय, सबके लिए अच्छा होगा " अंकल कुछ सोचते हुए बोले "कह तो सही रहे हो मगर कोई राज़ी नहीं होगा, बहुत रूपया लगेगा। वैसे मैंने तो पहले ही कहा था तुम्हारा पड़ोस अच्छा नहीं है।" सकुचाते पड़ोसी से इस बाबत जरा बात भर की तो वो बिगड़ गया।
परदेस में पड़ोस ही काम आता है और रिश्ते खराब न हो यह सोच कर हमने अपना बिजली का कनेक्शन खुद ही सही करवाने की सोची। इस बार भी बेचारे अंकल काम आये, अंकल ने बिजली विभाग से एक जान पहचान के इलेक्ट्रिशियन और हेल्पर को बुलवा दिया। हमें इस तरह परेशान देख वो मुस्कराने लगा और अंकल की और देख कर बोला "गोल माल है भाई,सब गोल माल है" अंकल उसकी इस हरकत पर चिढ़ गए बोले "अपने माल और काम से काम रखो।"
बहरहाल वो बिजली के रंगीन तारों को टटोलने लगा, अंकल जी बोले "तुम लोग चिंता मत करो मैं फ्री आदमी हूँ, बिजली विभाग मैं देख लूँगा तुम लोग अपना काम निपटा लो " बाद में अंकल जी को इलेक्ट्रिशियन, ये बोल कर चला गया की मीटर गड़बड़ है। फिर नया मीटर लगवाया तो अगले दो महीने उतना तो नहीं मगर फिर भी ज्यादा आया। अब तो बिल अपने उच्चतम स्तर तक निश्चित हो गया था। मरता क्या न करता अपना हाथ ही तंग कर लिया।
कुछ महीने बाद अंकल फ्लैट बेच कर जाने लगे तब उनके चहरे पर उदासी साफ़ बता रही थी की हमारी तरह वे भी अच्छा पड़ोसी मिस करेंगे। उनके जाते ही उनका इलेक्ट्रिशियन आया और बोला "बहुत बिल भरे आप दूसरों का, कहिये तो अबकी ..आपका.. बिल कोई और भरे " हमने कहा "भैया .. बस हमारी लाइन सही कर दो, मीटर में कोई गड़बड़ नहीं है, नया लग गया है।"
"मीटर कब खराब था ?!! "
वह हैरानी से बोला, हमें उसका मुँह ताकते हुए देख, बहुत तेज हँसते हुए बोला
"आप अब भी नहीं समझे,"
" क्या?"
" अरे वो..आपके अंकल जी, वो भी बिजली विभाग में यही काम देखा करते थे ....वही तो आपकी बिजली पर ऐश करते रहे ...और बिल आप भरते रहे।"