उनकी पीछे अपनी आँखों से आँसू पोंछते हुए महेश जी भी चल। उनकी पीछे अपनी आँखों से आँसू पोंछते हुए महेश जी भी चल।
शुभ की समझदारी तथा उसकी पहली बार ड्राइविंग की सुखद अनुभूति अब महसूस कर रही है। शुभ की समझदारी तथा उसकी पहली बार ड्राइविंग की सुखद अनुभूति अब महसूस कर रही है।
पीछे से अशोक उसको देख कर अपनी आँखों की आँसू पोछ रहा था। पीछे से अशोक उसको देख कर अपनी आँखों की आँसू पोछ रहा था।
हुनर हो तो रोजगार कहीं भी, कभी भी शुरू किया जा सकता है हुनर हो तो रोजगार कहीं भी, कभी भी शुरू किया जा सकता है
यहाँ से जानेके बाद अशोक मुम्बई मे पहले कुछ दोस्तों के साथ रहेने लगा । यहाँ से जानेके बाद अशोक मुम्बई मे पहले कुछ दोस्तों के साथ रहेने लगा ।
अचानक असित को दिल का दौरा पड़ा. सरिता तुरन्त उन्हें हॉस्पिटल ले गयी. अचानक असित को दिल का दौरा पड़ा. सरिता तुरन्त उन्हें हॉस्पिटल ले गयी.