ये देख यक्ष ने कहा ” जल का मूल्य माँगा था। घड़े क्यों दिए।” ये देख यक्ष ने कहा ” जल का मूल्य माँगा था। घड़े क्यों दिए।”
कभी-कभी मनुष्य की अपूर्ण कल्पनाएँ उसके स्वप्न में पूर्ण होती हैं। सपना देखना सुखद भी होता है और दुःख... कभी-कभी मनुष्य की अपूर्ण कल्पनाएँ उसके स्वप्न में पूर्ण होती हैं। सपना देखना सुख...
रामेश्वर जी शिक्षक थे और उनकी ड्यूटी सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 4:00 बजे तक स्कूल में होती थी। छा... रामेश्वर जी शिक्षक थे और उनकी ड्यूटी सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 4:00 बजे तक स...
जैसे हो तुम ऐसे ही रहना मुझे तुम ऐसे ही पसंद हो ! जैसे हो तुम ऐसे ही रहना मुझे तुम ऐसे ही पसंद हो !
ठाकुर जी की रहमतें देखकर अक्सर तराज़ू टूट जाते हैं ! ठाकुर जी की रहमतें देखकर अक्सर तराज़ू टूट जाते हैं !
पहले वाले तो थोडे ढोगीं लगे क्योंकि उनके आँखे नारियों पर से हट नहीं रहीं थी। दूसरे वाले ठीक ठाक जानक... पहले वाले तो थोडे ढोगीं लगे क्योंकि उनके आँखे नारियों पर से हट नहीं रहीं थी। दूस...