अमर आंखें मलता हुआ बिस्तर से उठ गया।
समझना मुश्किल था कि बूंद बारिश की थी या पसीने की।
मुझे लगता है कानून और जुर्माने के बिना भी हमें अपनी सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
ये तुम्हें पहले सोचना चाहिए था। गलती तुमने की है तो सुधारोगे तुम ही।
मैंने समझौता कर लिया था। क्या मैं गलत हूँ ? क्या खुद को दुखी कर के कोई दूसरों को खुश कर पाया है ? नहीं, बिलकुल नहीं। मैं...
भूत के सपने में आने से जुड़ी कहानी....