बेटे तुम लोग भी आ जाओ। सब साथ मिलकर खाना खायेंगे।"
बगिया के बागवान उज्वल भविष्य के प्रेरक प्रेरणा आदर्श अभिमान कहलाओ !
.वर्तमान की आवश्यकता भविष्य की निधि है!
और वे अकेले रह गए थे, और एक उद्धारकर्ता की किंवदंतियों बनाने लगे।
जिसने अपने ऊपर काबू पा लिया तो सोचो उसने जग जीत लिया ।
और अपने वर्तमान के साथ-साथ हमें अपने भविष्य का भी उचित मार्गदर्शन करना चाहिए।