आज मैं तुमसे और तुम्हारी माँ से और दुनिया की सारी बेटीयों से माफ़ी माँगती हूँ
मुझे अब तक कोई ऐसी लड़की मिली ही नहीं की उसे मैं अपना हमसफ़र बनाऊं
बचपन में ब्याही गयी शैल की ज़िन्दगी नरक बन चुकी थी। आखिर किस्मत ने उसके लिए क्या-क्या रख छोड़ा था।
लक्षिता व प्रिया की कहानी आज हर लड़की की खूद कि कहानी है। जहाँ कई लक्षिता मरती भी हैं व कई प्रिया को समाज की बली भ...
तभी एक लड़की डरी - सहमी अपनी जान बचाती हुयी दौड़ती - भागती हुयी सामने से आकर काइद के पीछे छुप जाती है।
अक्सर उसका प्रयागराज से वाराणसी जाना होता था। कार्यालय के काम के बाद वो कुछ समय के लिए पार्टी के एक बड़े और पुराने नेता ...