वह हमेशा हमारे आस पास रहती हैं यह ध्यान रखना चाहिए।
बस आप लोग शिव से अरदास करे, कि वह ठीक हो जाये।
लेखक : अलेक्सान्द्र कूप्रिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास।
बस अब वो अपने पापा के ठीक होने की भगवान से प्रार्थना करने में लगा हुआ था।
घर में बहस चल ही रही थी कि सुधा अचानक गिर पड़ी।
माँ कुछ बोल नहीं रही थी पर उसकी ख़ामोशी सब कुछ कह रही थी।