उसकी नज़र आरती के काँपते हुए होठों पर पड़ी।
आज अर्थी तो निकली है लेकिन स्मिता जी कि नहीं एक घुटन भरे रिश्ते की।
शाम को चाऊमीन की पार्टी विश्वविद्यालय के पास के रेस्तरां में चल रही थी।
पता नहीं लोग दोहरी मानसिकता क्यूँ रखते हैं
आज हमारे पास में दो हाथ पैर होकर भी हम अपने समय का सही उपयोग नहीं करते।
हमें हमेशा इसका सदुपयोग करना चाहिए।