बादलों की धुंध से निकलकर चाँदनी धरती पर पिघल रही थी।
आज भी परिधि कविताएं लिखती है मगर रूमानी।
अमित के बचपन का दोस्त था विवेक, दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते थे और साथ साथ ही। ...
यादें आती रहती है। व्यक्ति जब तन्हाई में होता है तो उसे अतीत की बातें याद आने लगती है।
लेखक : वलेन्तीना असेयेवा अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
रमाशोव के अकेलेपन की दास्तान है यह अंश। इस अकेलेपन में उसे मैं की परिभाषा और इससे इतर घूमते सारे विचार परेशान करने लगते ...