गली जाल जिंदगी दिल की सुनी मन की करी रसखान नो लख गाय सुनी हम नंद के उत्कृष्ट रचना अनुकम्पा तुम्हारा हमें इंतजार है पदचाप सुनी मन के उपवन में दामन को फैलाए बैठे हैं

Hindi सुनी Poems