पतंगों और पंछियों को साथ लेकर कभी आंधियों में बिखेर देता संसार पतंगों और पंछियों को साथ लेकर कभी आंधियों में बिखेर देता संसार
जो बहाता यहां कर्म रक्त है वो खिला रहता हर वक्त है जो बहाता यहां कर्म रक्त है वो खिला रहता हर वक्त है