मुहोब्बत के दरिया में हम भी डूब जाते । प्यार का दुश्मन अगर ये जमाना न होता ।। मुहोब्बत के दरिया में हम भी डूब जाते । प्यार का दुश्मन अगर ये जमाना न होता ।।
बिन पीये झूमता फिरूँ बिन पीये झूमता फिरूँ
करता हूं मय से तोबा मगर तेरे नैनों की हाला में डूब जाता हूं । करता हूं मय से तोबा मगर तेरे नैनों की हाला में डूब जाता हूं ।
जबकि हकीकत ये है बिना औरत के आदमी का जन्म तक नहीं होता है... जबकि हकीकत ये है बिना औरत के आदमी का जन्म तक नहीं होता है...