जीवन बहुत अमूल्य है चुप रहना ही सबसे तुल्य है जीवन बहुत अमूल्य है चुप रहना ही सबसे तुल्य है
आज़ादी नहीं मिली है हमें सस्ते में आज़ादी नहीं मिली है हमें सस्ते में
अपना कहते कहते एहसास का क़त्ल किया है ! अपना कहते कहते एहसास का क़त्ल किया है !
और वक्त क्रूर हैं ए! मालिक बता- तुझे क्या मंजूर है--? और वक्त क्रूर हैं ए! मालिक बता- तुझे क्या मंजूर है--?
दिमाग खाली रहता है लेकिन ये आवाज़ बहुत करते है, दिमाग खाली रहता है लेकिन ये आवाज़ बहुत करते है,