श्रद्धा का है आवरण, अंदर झूठी शान । शिष्य दान सा दे रहे, गुरुओं को सम्मान ।। श्रद्धा का है आवरण, अंदर झूठी शान । शिष्य दान सा दे रहे, गुरुओं को सम्मान ।।
मंज़िलें होंगी हासिल, नज़र तू बस पैनी रख। मंज़िलें होंगी हासिल, नज़र तू बस पैनी रख।
शौम्य विनम्र शालीन मानव मूल्य विकास बैभव का शिल्पीकर शिल्पी अमोलक।। शौम्य विनम्र शालीन मानव मूल्य विकास बैभव का शिल्पीकर शिल्पी अमोलक।।
अतुल्य भारत, अद्भुत शिल्प , बेजोड़ कला,अजब शिल्पी! अतुल्य भारत, अद्भुत शिल्प , बेजोड़ कला,अजब शिल्पी!