जहां, हर पल का जैसे, कोई हिसाब सा रखा है जहां, हर पल का जैसे, कोई हिसाब सा रखा है
बीते इस लॉकडाउन के दरमियाँ, तुम संग खूब खेले। बीते इस लॉकडाउन के दरमियाँ, तुम संग खूब खेले।