अब उन्हें इस दोहरी बहरूपिये की भूमिका पर कौन टोक सकता है ? अब उन्हें इस दोहरी बहरूपिये की भूमिका पर कौन टोक सकता है ?
अनादि काल से, जिसके मुस्कुराहट से धरती-अंबर झूम रहा है, उसकी जटाएं इतनी मनमोहक जिसको देखकर चाँद,... अनादि काल से, जिसके मुस्कुराहट से धरती-अंबर झूम रहा है, उसकी जटाएं इतनी मनमोह...