पात्र कचरा जिंदगी अफसोस रेत मोहताज जिस्म हिंदी कविता अफ़साना हिन्दी कविता hindi kavita मेरी भी व्यथा सुनो मै सरकारी ऑफिस हूं अब मै लबालब भर गया हूं पहचाना जाता हूं

Hindi लबालब Poems