तू कहता है कि तू प्यासा नहीं है । समन्दर है तो क्यों दिखता नही है ।। तू कहता है कि तू प्यासा नहीं है । समन्दर है तो क्यों दिखता नही है ।।
बादलों की पानी से दोस्ती कवि की कलम से दोस्ती! बादलों की पानी से दोस्ती कवि की कलम से दोस्ती!
अंदाजे गुरूर पद का इस कदर है हावी, ये सच स्वीकारने की हिम्मत भी नहीं, अंदाजे गुरूर पद का इस कदर है हावी, ये सच स्वीकारने की हिम्मत भी नहीं...