भुलाए ग़म, जिसे पाकर। वही दुख दे, गया आकर। भुलाए ग़म, जिसे पाकर। वही दुख दे, गया आकर।
अपने हिस्से की धरती अपने हिस्से का गगन। अपने हिस्से की धरती अपने हिस्से का गगन।
सब सुफल मनोरथ काम वहाँ, शिव ब्रह्मा,विष्णु धाम वहाँ, मैं शिव के शरण में रहती थी! सब सुफल मनोरथ काम वहाँ, शिव ब्रह्मा,विष्णु धाम वहाँ, मैं शिव के शरण में रह...
हे प्रथम पूज्य, हे गजबदन मिटा दो जहाँ से सकल क्लेश हे प्रथम पूज्य, हे गजबदन मिटा दो जहाँ से सकल क्लेश