चाहे थक कर चुर हो जाए फिर भी दौड़ लगानी है। चाहे थक कर चुर हो जाए फिर भी दौड़ लगानी है।
कलयुग के रिश्ते चाशनी में डूबे हुए होते है जो गाढि होकर जम गए होते है कलयुग के रिश्ते चाशनी में डूबे हुए होते है जो गाढि होकर जम गए होते है
भारत निश्चय आगे बढ़ रहा है किंतु मधुमेह रोग जैसा संकट ना कम हो रहा है. भारत निश्चय आगे बढ़ रहा है किंतु मधुमेह रोग जैसा संकट ना कम हो रहा है.