कलयुग के रिश्ते चाशनी में डूबे हुए होते है जो गाढि होकर जम गए होते है कलयुग के रिश्ते चाशनी में डूबे हुए होते है जो गाढि होकर जम गए होते है
रह गया जो, वो बात बीती। उन कमीयों को, पूरा करने, 2020 आया है। नया वर्ष, नया उत्कर्ष, लेकर आ... रह गया जो, वो बात बीती। उन कमीयों को, पूरा करने, 2020 आया है। नया वर्ष, ...
तोड़ना बहुत आसान बंधु, जोड़ने का सुकून पाते क्यों नहीं। मत भूलो नफरतों ने उजाड़ी हैं अनेकों जिंद... तोड़ना बहुत आसान बंधु, जोड़ने का सुकून पाते क्यों नहीं। मत भूलो नफरतों ने उज...