यह निखार ए जेहबा क्या कम है की तू हूर ए ज़मन नज़र आता यह निखार ए जेहबा क्या कम है की तू हूर ए ज़मन नज़र आता
रात भर बारिश के साथ दर्द सीने से निकलता रहा रात भर बारिश के साथ दर्द सीने से निकलता रहा