रिश्तों के मकडजाल से निकालकर, रख ले अपने ही पास, बनाकर अपना दास. रिश्तों के मकडजाल से निकालकर, रख ले अपने ही पास, बनाकर अपना दास.
चारों तरफ फैल गया ना जाने कैसा मायाजाल साधनों से सम्पन्न होकर भी मन से हुए कंगाल। चारों तरफ फैल गया ना जाने कैसा मायाजाल साधनों से सम्पन्न होकर भी मन से हुए कं...