चारों तरफ फैल गया ना जाने कैसा मायाजाल साधनों से सम्पन्न होकर भी मन से हुए कंगाल। चारों तरफ फैल गया ना जाने कैसा मायाजाल साधनों से सम्पन्न होकर भी मन से हुए कं...