महंगाई किसानों की कमर जब तोड़ सकती है तू धरती में कोई अब बीज क्यों बोने नहीं देती। महंगाई किसानों की कमर जब तोड़ सकती है तू धरती में कोई अब बीज क्यों बोने नहीं द...
अपने देश की परिभाषा अब धीरे-धीरे बदल रही है । अपने देश की परिभाषा अब धीरे-धीरे बदल रही है ।