अब तो मेरा , बादलों तक पहुंचना था तय। अब तो मेरा , बादलों तक पहुंचना था तय।
भ्रष्टाचार भयमुक्त हर क्षेत्र हो लोकतन्त्र का आँचल भी! भ्रष्टाचार भयमुक्त हर क्षेत्र हो लोकतन्त्र का आँचल भी!
मन को कर भयमुक्त प्रेम से प्रेम में हृदय की रिक्तता को है भर दिया मन को कर भयमुक्त प्रेम से प्रेम में हृदय की रिक्तता को है भर दिया
नारी को हम अलग अलग रूप में पाते है, नारी को हम हमेशा ममतामई रूप में ही पाते हैं नारी को हम अलग अलग रूप में पाते है, नारी को हम हमेशा ममतामई रूप में ही पाते ...