लेने नहीं कुछ देने आती, फिर से मुस्कान दिलाने आई बेटियाँ। लेने नहीं कुछ देने आती, फिर से मुस्कान दिलाने आई बेटियाँ।
वो मस्ती, वो समय जैसे सदाबहार। वो वक़्त जब अपने हाथ था। वो मस्ती, वो समय जैसे सदाबहार। वो वक़्त जब अपने हाथ था।