निगाहें #वो एक चाँद हमारा था #चाँद गुम है #दुखी हुआ मैं भी बंधन #हमें प्यारा था आशा निकाल ही रही थी मन धीमे स्वर में पूछा -- खुश हो न महफ़िल खा की दरवाज़े पे खड़ा विकी दिल #बादलों से भी पूछा हाल पूछा है तभी प्रश्न गोली हमारा भ्रम # तारे भी परेशान थे

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