बहुत हुआ बहुत हुआ घुन के साथ पिसते रहे रोटी के लिए गूँधते रहे बहुत हुआ बहुत हुआ घुन के साथ पिसते रहे रोटी के लिए गूँधते रहे
यूं ही पिसते जा रहे है हम, कुछ उम्मीद तो जलाए जा रहे है हम। यूं ही पिसते जा रहे है हम, कुछ उम्मीद तो जलाए जा रहे है हम।