जीया जो पल उसे बहा दूँ समय की नदी में दीया बनाकर ! जीया जो पल उसे बहा दूँ समय की नदी में दीया बनाकर !
मुझे अक्सर हँसाने वाले, कही वो तुम तो नहीं ; इस वक्त ये पढ़नेवाले ! मुझे अक्सर हँसाने वाले, कही वो तुम तो नहीं ; इस वक्त ये पढ़नेवाले !
'चलो बनी अाज मै भी दुल्हन, ख़त्म हूई अब तुम्हारी उलझन, हूई खता गर कभी भी मूझसे, समझ के नादान उसे भूल... 'चलो बनी अाज मै भी दुल्हन, ख़त्म हूई अब तुम्हारी उलझन, हूई खता गर कभी भी मूझसे, ...
चल पड़े है लोग देश के आधुनिकीरण की मृगतृष्णा की ओर! चल पड़े है लोग देश के आधुनिकीरण की मृगतृष्णा की ओर!