उछाल दूंगी अपनी तमाम कविताएं पतंगें बनाकर उछाल दूंगी अपनी तमाम कविताएं पतंगें बनाकर
मुलतानी मिट्टी मलना, और मिलकर सुखाना खुद कलमें घड़ना, खुद रोशनाइयाँ बनाना मुलतानी मिट्टी मलना, और मिलकर सुखाना खुद कलमें घड़ना, खुद रोशनाइयाँ बनाना