पछताया बहुत था, पर शायद गम भरने चला हूं पछताया बहुत था, पर शायद गम भरने चला हूं
तन से हुआ बीमार जब, ये सच समझ में आया कठिन घड़ी में अपना, रिश्तेदार ही काम आया तन से हुआ बीमार जब, ये सच समझ में आया कठिन घड़ी में अपना, रिश्तेदार ही काम आया